प्रतिवर्ष 26 जुलाई को “कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas)” के रूप में मनाया जाता है। यह दिन 26 जुलाई ,1999 को कारगिल युद्ध (Kargil War) में भारत की पाकिस्तान पर ऐतिहासिक जीत के उपलक्ष में मनाया जाता है। कारगिल युद्ध को हुए 24 साल बीत चुके हैं, इस साल हम ‘कारगिल विजय दिवस’ की 24वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।
आज भी कारगिल युद्ध में लड़ने वाले भारतीय सैनिकों की वीरता और बलिदान की कहानियां सभी भारतीयों के दिलों में देशभक्ति और समर्पण की भावना को प्रज्जवलित कर देती हैं। कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas in Hindi) के अवसर पर भारत के वीर योद्धाओं के साहस और बलिदान को याद किया जाता है और उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है।
कारगिल युद्ध में भारतीय जवानों ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी। भले ही कारगिल युद्ध में भारत को जीत मिली थी, लेकिन इस जीत के बदले में भारतीयों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ी थी। इस युद्ध में भारतीय सेना ने 500 से अधिक वीर सैनिकों को को दिया और लगभग 450 आम नागरिक भी इस युद्ध में मारे गए थे।
Kargil Vijay Diwas क्यों मनाया जाता है?
26 जुलाई, 1999 कारगिल युद्ध में भारत की पाकिस्तान पर विजय की याद में और भारतीय वीर सैनिकों के साहस, वीरता और बलिदान को श्रद्धांजलि देने हेतु प्रतिवर्ष “कारगिल विजय दिवस” (Kargil Vijay Diwas) मनाया जाता है।
24 साल पहले इसी दिन भारतीय जवानों ने पाकिस्तानी सैनिकों को कारगिल की पहाड़ियों से खदेड़ते हुए तिरंगा लहराया था। भारतीय वीर सैनिकों ने आतंकवादियों और पाकिस्तानी सैनिकों से डटकर मुकाबला और उन्हें पराजित कर अपने साहस, वीरता और बलिदान का परिचय दिया।
Kargil Vijay Diwas कब मनाया जाता है?
प्रतिवर्ष 26 जुलाई को भारत में “कारगिल विजय दिवस” (Kargil Vijay Diwas) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारतीय वीर सैनिकों ने कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को हराकर कारगिल की पहाड़ियों पर तिरंगा फहराया।
भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध मई से जुलाई तक लगभग 60 दिनों तक चला। इस युद्ध में कई भारतीय रणबांकुरों ने अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। और साथ ही कई आम नागरिकों को भी इस युद्ध में अपनी जान गवानी पड़ी।
भारतीय सैनिकों ने कारगिल युद्ध (Kargil War) में डटकर मुकाबला किया और पाकिस्तान को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया। आखिरकार 26 जुलाई को पाकिस्तान अपनी हार मान कर पीछे हट गया और कारगिल युद्ध का अंत हुआ।
दरअसल 1971 में भारत पाक युद्ध के बाद से ही दोनों देशों के बीच सशस्त्र युद्ध होते रहे। पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे पर भारत को शांतिपूर्ण समाधान का वादा करते हुए फरवरी 1999 में हस्ताक्षर किए। लेकिन फिर भी पाकिस्तानी सैनिक और आतंकवादी भारतीय कश्मीर के कई क्षेत्रों में घुसपैठ करते रहे।
कारगिल युद्ध के प्रमुख घटनाक्रम:
- 3 मई, 1999: भारतीय सेना को कारगिल के स्थानीय चरवाहों ने पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों की घुसपैठ के बारे में जानकारी दी।
- 5 मई, 1999: पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना के 5 जवानों को मार डाला।
- 10 मई, 1999: भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन विजय‘ शुरू किया। पाकिस्तानी सेना ने कारगिल में भारतीय सेना के गोला-बारूद भंडार को निशाना बनाया।
- 26 मई, 1999: भारतीय सेना ने हवाई हमला किया।
- 27 मई, 1999: पाकिस्तानी सेना ने भारतीय वायुसेना का एक मिग-27 मार गिराया जिसमें एयरफोर्स के 4 क्रू सदस्यों की मौत हो गई। पाकिस्तान ने विमान से बाहर निकलने वाले पायलट को युद्धबंदी के रूप में पकड़ लिया।
- 31 मई, 1999: प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कारगिल में युद्ध की स्थिति की घोषणा की।
- 1 जून, 1999: अमेरिका और फ्रांस ने भारत के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया।
- 5 जून, 1999: भारतीय सेना ने दस्तावेज जारी किए जिससे दुनिया को पाकिस्तान की संलिप्तता का पता चला।
- 9 जून, 1999: भारतीय सेना ने बटालिक सेक्टर में दो महत्वपूर्ण ठिकानों पर दोबारा कब्जा कर लिया।
- 10 जून, 1999: पाकिस्तान ने जाट रेजिमेंट के 6 सैनिकों के क्षत-विक्षत शव लौटाए।
- 13 जून, 1999: भारत ने संघर्ष की दिशा बदलते हुए महत्वपूर्ण टोलोलिंग चोटी पर दोबारा कब्जा कर लिया। प्रधानमंत्री वाजपेयी ने कारगिल का दौरा किया।
- 15 जून, 1999: अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से पाकिस्तानी सैनिकों को पीछे हटाने का आग्रह किया।
- 20 जून, 1999: भारतीय सेना ने 11 घंटे की लड़ाई के बाद टाइगर हिल के पास प्वाइंट 5060 और प्वाइंट 5100 पर कब्जा कर लिया।
- 5 जुलाई, 1999: बिल क्लिंटन ने नवाज शरीफ से मुलाकात की। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शरीफ ने कारगिल से पाकिस्तानी सैनिकों को हटाने की घोषणा की।
- 11 जुलाई, 1999: पाकिस्तानी सैनिकों ने पीछे हटना शुरू किया। भारतीय सेना ने बटालिक की प्रमुख चोटियों पर कब्जा कर लिया।
- 14 जुलाई, 1999: भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन विजय’ (Operation Vijay) की सफलता की घोषणा की।
- 26 जुलाई, 1999: कारगिल युद्ध समाप्त हुआ।
26 जुलाई को भारतीय सेना ने अपने पराक्रम के दम पर कारगिल की पहाड़ियों को पाकिस्तानी घुसपैठियों से पूरी तरह मुक्त करा लिया। तभी से इस दिन को कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) के रूप में मनाया जाता है।
कारगिल युद्ध के विख्यात भारतीय शूरवीर:
- कैप्टन विक्रम बत्रा (परमवीर चक्र, मरणोपरांत) (13 जेएके राइफल्स)
- ग्रेनेडियर योगेन्द्र सिंह यादव (परमवीर चक्र) (18 ग्रेनेडियर्स)
- लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे (परमवीर चक्र, मरणोपरांत) (1/11 गोरखा राइफल्स)
- लेफ्टिनेंट बलवान सिंह (महावीर चक्र) (18 ग्रेनेडियर्स)
- कैप्टन एन केंगुरुसे (महावीर चक्र, मरणोपरांत) (एएससी, 2 राज आरआईएफ)
कारगिल युद्ध के मुख्य बिंदु
- कारगिल संघर्ष भारत के जम्मू और कश्मीर के कारगिल जिले में मई और जुलाई 1999 के बीच हुआ था।
- यह युद्ध कारगिल के भारतीय-नियंत्रित क्षेत्र में पाकिस्तानी सैनिकों और कश्मीरी आतंकवादियों की घुसपैठ का परिणाम था।
- “ऑपरेशन विजय” शब्द का तात्पर्य कारगिल की चोटियों पर कब्जा करने के भारतीय सेना के अभियान से है।
- कारगिल युद्ध इस मायने में अनोखा था कि यह काफी ऊंचाई पर लड़ा गया था, जिसमें कुछ चौकियां 18,000 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित थीं, जिससे यह युद्ध के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण इलाकों में से एक बन गया था।
- संघर्ष ने दोनों पक्षों को भारी नुकसान पहुंचाया था, जिसमें लगभग 500 भारतीय और 700 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों की जान चली गई थी।
- युद्ध में तोपखाने, वायु शक्ति और पैदल सेना के संचालन का व्यापक उपयोग शामिल था।
- भारतीय वायु सेना ने संघर्ष के दौरान हवाई सहायता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, दुश्मन को रणनीतिक स्थानों से हटाने के लिए महत्वपूर्ण हवाई हमले किए थे।
- भारतीय सेना के अधिकारी कैप्टन विक्रम बत्रा युद्ध के दौरान अपनी बहादुरी और साहसी कार्यों के लिए राष्ट्रीय नायक बन गए। उनके प्रसिद्ध शब्द, “ये दिल मांगे मोर,” प्रतिष्ठित बन गए हैं। जिसे लोग आज भी याद करते है।
- युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने टोलोलिंग, टाइगर हिल और प्वाइंट 4875 समेत अन्य रणनीतिक चोटियों पर दोबारा कब्जा कर लिया था।
- 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद कारगिल युद्ध पहली बार हुआ, जब दोनों देश सीधे सैन्य संघर्ष में शामिल हुए थे
Kargil Vijay Diwas Quotes and Wishes
कारगिल विजय दिवस पर आधारित कोट्स और शुभकामनाएं निम्नलिखित है:
“कारगिल विजय दिवस की शुभकामनाएं! यह दिवस देशवासियों के लिए गर्व का पल है।”
वीरता की बातें, गर्व की बानी,कारगिल विजय दिवस, वीरों के नामी। उनके त्याग ने जगाई देश की शान,बढ़ रही देश की प्रतिष्ठा, स्वयं भी बलिदान।
“वीरता और साहस का प्रतीक है, कारगिल विजय दिवस।“
कारगिल की चोटियों में जो लड़े,
अपने पूरे हौसले से सँवारे।
उन वीरों को शत-शत नमन करें,
कारगिल विजय दिवस पर गर्व से भरें।
“भारतीय सैन्य की शक्ति और वीरता का प्रतीक, कारगिल विजय दिवस।“
वीर शहीदों की यादों में खो जाएं,
कारगिल विजय दिवस को धूमधाम से मनाएं।
जिन्होंने लहराया था तिरंगा प्यारा,
उन्हें समर्पित है आज का यह दिन हमारा।
“वीरों के बलिदान से जुड़ी है, कारगिल विजय दिवस की कहानी।”
कारगिल के वीर शहीदों को याद करें,
उनके साहस और बलिदान को सलाम करे।
देश के लिए जो करते हैं अपनी जान का बलिदान,
कारगिल विजय दिवस को करते हैं उनका सम्मान।
“जय हिंद, जय भारत! कारगिल विजय दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।”
कारगिल के उन वीर जवानों को शत-शत नमन,
जिन्होंने घुसपैठियों के चंगुल से छुड़ाया हिंदुस्तान।
उन्होंने जीत के लिए दे दी थी अपनी जान,
जिससे मिली थी हमें स्वतंत्रता की शान।
“आओ मिलकर याद करें वीर शहीदों को, कारगिल विजय दिवस को यादगार बनाएं।”
जिन वीर सैनिकों ने हराया पाकिस्तान,
आज किया जाता है उनका सम्मान।
उन्होंने कारगिल में दिखाया था अपना दम,
ताकि आज हम गर्व से कह सकें भारतीय हैं हम।
“सैन्य वीरों का सम्मान करें, देश के लिए उनके बलिदान को याद करें, कारगिल विजय दिवस को यादगार बनाएं।”
कारगिल की वीर यादें जिंदगी के मील गान,
जिन्होंने देश के लिए किया था बलिदान।
कारगिल विजय दिवस के अवसर पर,
सजता है आज देश का हर गांव और शहर।
“आओ सिखाएं बलिदान का संदेश, कारगिल विजय दिवस का सम्मान करें।”
मैं हूं भारतीय सेना का वीर जवान,
कभी नहीं झुकने दूंगा भारत का मान,
तिरंगा है मेरी आन, बान शान,
कभी नहीं होने दूंगा भारत का अपमान।
“जिस माटी में आपका जन्म हुआ, उस माटी को सुरक्षित और स्वतंत्र रखना आपकी ही जिम्मेदारी है।”
“देशभक्ति के प्रतीक, कारगिल विजय दिवस को यादगार बनाएं।”
मेरे शरीर से आती है वतन की मिट्टी की खुशबु,
दुश्मन को चटाता हूं धूल
आसमान को भी भर लूं मुठ्ठी में,
मैं रेगिस्तान में भी खिला दूं फूल।
“कारगिल विजय दिवस हमें याद दिलाता है, देश के वीर सैनिकों के साहस और बलिदान को।”
उम्मीद हैं कि आपको इस ब्लाॅग में कारगिल युद्ध और कारगिल विजय दिवस के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। अगर आपको हमारा ब्लॉक पोस्ट पसंद आया हो तो इसे अधिक से अधिक शेयर करें और कारगिल युद्ध से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए Iq दुनिया के साथ बने रहें।
1. कारगिल युद्ध किस वर्ष लड़ा गया?
कारगिल युद्ध मई से जुलाई 1999 तक लड़ा गया।
2. कारगिल विजय दिवस कब मनाया जाता है?
प्रतिवर्ष 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है।
3. कारगिल युद्ध किन दो देशों के मध्य लड़ा गया?
भारत और पाकिस्तान। इस युद्ध में भारत विजयी रहा।
Thank You ❣️ for Visiting Iq दुनिया